Monday, May 4, 2020



    _*📜अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 28)*_
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                                 *﷽*

_*🕌नमाज़ के फ़राइज़_*

_*❓सवाल : - नमाज़ में कितनी चीजें फ़र्ज़ हैं ।*_

_*✍🏻जवाब : - नमाज़ में छ : ( 6 ) चीजें फर्ज हैं ।*_

_*( 1 ) क़ियाम ।*_

_*( 2 ) किराअत ।*_

_*( 3 ) रुकू ।*_

_*( 4 ) सज्दा ।*_

_*( 5 ) कादये अख़ीरा ।*_

_*( 6 ) खुरुजबिसुनअिही ।*_

_*❓सवाल : - क़ियाम फ़र्ज़ है इसका क्या मतलब है ।*_

 _*✍🏻जवाब : - इसका मतलब यह है कि खड़े हो कर नमाज़ अदा करना ज़रूरी है अगर किसी ने बगैर उज़्र बैठ कर नमाज़ पढ़ी तो न हुई । ख्वाह औरत हो या मर्द । हां नफ्ल नमाज़ बैठ कर पढ़ना जाइज है ।*_

 _*❓सवाल : - किराअत फ़र्ज़ है इसका क्या मतलब है ।*_

 _*✍🏻जवाब : - इसका मतलब यह है कि फर्ज की दो रकअतों में और वित्र सुन्नत और नफ़्ल की हर रक्अतों में कुरआन शरीफ़ पढ़ना जरूरी है तो अगर किसी ने इनमें कुरआन न पढ़ा तो नमाज़ न होगी ।*_

 _*❓सवाल : - कुरआन मजीद आहिस्ता पढ़ने का अदना ( कम ) दर्जा क्या है ।*_

_*✍🏻जवाब : - आहिस्ता पढ़ने का अदना दर्जा यह है कि खुद सुने अगर इस क़दर आहिस्ता पढ़ा कि खुद न सुना तो नमाज़ न होगी ।*_

 _*❓सवाल : - रुकू का अदना ( कम ) दर्जा क्या है ।*_

 _*✍🏻जवाब : - रुकू का अदना दर्जा यह है कि हाथ घुटने तक पहुंच जाए और पूरा रुकू यह है कि पीठ सीधी बिछादे और सर पीठ के बराबर रखे ऊँचा नीचा न रखे ।*_

_*❓सवाल : - सजदा की हक़ीक़त क्या है ।*_

 _*✍🏻जवाब : - पेशानी ज़मीन पर जमना सजदा की हक़ीक़त है । और पांव की एक उंगली का पेट ज़मीन से लगना शर्त है तो अगर किसी ने इस तरह सजदा किया कि दोनों पांव ज़मीन से उठे रहे तो नमाज़ न हुई बल्कि अगर सिर्फ उंगली की नोक ज़मीन से लगी जब भी नमाज़ न हुई ।*_

_*📕( बहारे शरीअत )*_


__*❓सवाल : - कितनी उंगलियों का पेट जमीन से लगना वाजिब है ।*_

 _*✍🏻जवाब : - दोनों पांव की तीन - तीन उंगलियों का पेट ज़मीन से लगना वाजिब है ।*_ 

_*❓सवाल : - कादए अखीरा का क्या मतलब है ।*_

 _*✍🏻जवाब : - नमाज़ की रक्अतें पूरी करने के बाद अत्तहीयातु व रसूलुहू तक पढ़ने की मिकदार तक बैठना फ़र्ज़ है ।*_

_*❓सवाल : - खुरुजबिसुनअिही किसे कहते हैं ।*_

 _*✍🏻जवाब : - कादये अखीरा के बाद क़सदन मनाफ़ीये नमाज़ कोई काम करने को खुरूजबिसुनअिही कहते हैं । लेकिन सलाम के अलावा कोई दूसरा मनाफ़ी क़सदन पाया गया तो नमाज़ का दोबारा पढ़ना वाजिब है ।*_


_*📕 अनवारे शरिअत, सफा 61/62*_

_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिन*_

_*📮जारी रहेगा इंशाअल्लाह.....*_
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