_*📜अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 44)*_
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*﷽*
_*💫बीमार की नमाज़ का बयान💫*_
_*❔सवाल : - अगर बीमारी के सबब खड़े होकर नमाज़ नहीं पढ़ सकता है तो क्या करे ?*_
_*✍🏻जवाब : - अगर खड़े होकर नमाज़ नहीं पढ़ सकता कि मर्ज बढ़ जाएगा या देर में अच्छा होगा या चक्कर आता है या खड़े होकर पढ़ने से पेशाब का क़तरा आएगा या बहुत शदीद दर्द नाक़ाबिले बर्दाश्त हो जाएगा तो इन सब सूरतों में बैठ कर नमाज़ पढ़े ।*_
_*❔सवाल : - अगर किसी चीज़ की टेक लगाकर खड़ाहो सकता है तो इस सूरत में क्या हुक्म है ।*_
_*✍🏻जवाब : - अगर खादिम ( नौकर ) या लाठी या दीवार वगैरा पर टेक लगाकर खड़ा हो सकता है तो फ़र्ज़ है कि खड़ा होकर पढ़े । इस सूरत में अगर बैठ कर नमाज़ पढ़ेगा तो नहीं होगी ।*_
_*❔सवाल : - अगर कुछ देर खड़ा हो सकता है तो उसके लिए क्या हुक्म है ।*_
_*✍🏻जवाब : - अगर कुछ देर भी खड़ा हो सकता है अगरचे इतना ही कि खड़ा होकर अल्लाहु अकबर कहले तो फ़र्ज़ है कि खड़ा होकर उतना कहे फिर बैठे वर्ना नमाज़ नहीं होगी ।*_
_*❔सवाल : - बीमारी के सबब अगर रुकू सजदा भी न कर सकता हो तो क्या करे ।*_
_*✍🏻जवाब : - ऐसी सूरत में रुकू सजदा इशारा से करे मगर रुकू के इशारा से सजदा के इशारा में सर को ज्यादा झुकाए ।*_
_*❔सवाल : - अगर बैठ कर भी नमाज़ न पढ़ सकता हो तो क्या करे ?*_
_*✍🏻जवाब : - ऐसी सूरत में लेट कर नमाज़ पढ़े इस तरह कि चित लेट कर किबला की तरफ़ पांव करे मगर पांव न फैलाए बल्कि घुटने खड़े रखे और सर के नीचे तकिया वगैरा रख कर जरा ऊँचा करले और रुकू सजदा सर झुका कर इशरा से करे यह सूरत अफ़ज़ल है । और यह भी जाइज़ है कि दाहिने या बाए करवट लेटकर मुंह किबला की तरफ़ करे ।*_
_*❔सवाल : - अगर सर से इशारा भी न हो सके तो क्या करे ?*_
_*✍🏻जवाब : - अगर सर से भी इशारान हो सके तो नमाज़ साक़ित हो जाती है फिर अगर नमाज़ के छ : ( 6 ) वक़्त इसी हालत में गुज़र जाएं तो कजा भी साक़ित हो जाती है ।*_
_*📕 अनवारे शरिअत, सफा 90/91/92*_
_*📮जारी रहेगा इंशाअल्लाह.....*_
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