_*📕 करीना-ए-जिन्दगी भाग - 053 📕*_
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🔵 *_हैज़ के बाद सोहबत कब जाइज है ⁉_*
👉🏻 _*हमारे इमाम, इमामे आ़ज़म अबू हनीफ़ा [रदि अल्लाहु तआला अन्हु] के नज़दीक औरत को हैज का खुन (10) दस दिनो के बाद आना बन्द हो जाए तो ग़ुस्ल से पहले भी सोहबत करना जाइज़ है, लेकिन बेहतर यह है के औरत ग़ुस्ल कर ले उस के बाद ही मुबाशरत की जाए।*_
📚 _*हदीस : हज़रत सालिम बिन अब्दुल्लाह और हज़रत सुलेमान बिन यासीर रदी अल्लाहु तआला अन्हुमा से हैज़ वाली औरत के बारे में पूछा गया की.........*_
💫 *_"क्या उस का शौहर उसे पाक देखे तो ग़ुस्ल से पहले सोहबत कर सकता है या नही"? दोनों ने जवाब दिया...."न करे यहाँ तक कि वह ग़ुस्ल कर ले।_*
📕 *_मोअत्ता इमाम मालिक, जिल्द नं 1, बाब नं 26, हदीस नं 90, सफा नं 79_*
✍🏻 *_मसअ़ला : दस (10) दिन से कम मे खून आना बंद हो गया हो तो जब तक औरत ग़ुस्ल न करे सोहबत जाइज़ नही।_*
📕 *_बहारे शरीयत, जिल्द नं 1, हिस्सा नं 2, सफा नं 47_*
✍🏻 _*मसअ़ला : आदत के दिन पूरे होने से पहले ही हैज़ का खून आना बंद हो गया तो अगर्चे औरत ग़ुस्ल कर ले सोहबत जाइज़ नही, मसलन किसी औरत की हैज़ की आ़दत चार दिन व चार रात थी और इस बार हैज़ आया तीन दिन व रात तो चार दिन व रात जब तक पूरे न हो जाए सोहबत जाइज़ नही।*_
📕 *_बहारे शरीयत, जिल्द नं 1, हिस्सा नं 2, सफा नं 47_*
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*_हैज़ से पाक होने का तरीका_*
✍🏻 _*मसअ़ला : औरत को जब हैज़ (खुन आना) बंद हो जाए तो उसे ग़ुस्ल करना फ़र्ज़ है।*_
📕 *_कानूने शरीअ़त, जिल्द नं 1, सफा नं 38_*
💫 *_हैज से फरागत के फौरन बाद गुस्ल करना जरुरी है! बिला कीसी उज्रे शरई गुस्ल मे ताखीर (देरी) करना सख्त हराम है!_*
📚 _*हदीस : उम्मुल मोमीनीन हज़रत आएशा सिद्दीक़ा [रदि अल्लाहु तआला अन्हा] से रिवायत है कि.......*_
*_أن امرأة سألت النَّبيّ - صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ - عَن غسلها مِن المحيض، فأمرها كيف تغتسل، قالَ: خذي فرصة مِن مسك فتطهري بها . قالت: كيف أتطهر بها؟ قالَ: تطهري بها . قالت: كيف؟ قالَ: سبحان الله، تطهري ، فاجتذبها إلي، فقلت: تتبعي بها أثر الدم_*
💫💫 _*"एक औरत ने रसूलुल्लाह ﷺ से हैज़ के ग़ुस्ल के8 बारे मे पूछा । आप ने उसे बताया.. "यूं गुस्ल करें" और फिर फ़रमाया..... "मुश्क (कस्तूरी) मे बसा हुआ रूई का फाया ले और उस से तहारत हासिल करे"! वह औरत समझ न सकी और अर्ज किया..... "किस तरह से तहारत करूँ"? फरमाया....... "सुब्हानल्लाह! उससे तहारत करो " (हज़रत आएशा सिद्दीका फरमाती है) "मैंने उस औरत को अपनी तरफ़ ख़ींच लिया और उसे बताया कि उसे खून के मुक़ाम पर फेरे "।*_
📕 *_बुखारी शरीफ, जिल्द नं 1, बाब नं 215, हदीस नं 305, सफा नं 201_*
_*📝नोट : इस ज़माने में मुश्क मिलना मुश्किल है इसलिए उसकी जगह गुलाब जल या इत् वगैरह का फाया लें।*_
💫 _*इसी हदीस के तहत इमाम अहमद रजा कादरी रजी अल्लाहु अन्हु नक्ल फरमाते है*_
👉 *_हैज वाली औरत को मुस्तहब है की बाद फरागे हैज जब गुस्ल करे, पुराने कपडे से फर्जे दाखील (गुप्तांग) के अंदर से खुन का असर साफ करले_*
📕 *_फतावा रज्वीया जिल्द नं 1, किताबुत्तहारत बाबुल वजु सफा नं 54_*
💫 _*आगे मजीद "रद्दुल मुहतार, फतावा शामी, और फतावा तातर खानीया वगैरह के हवाले से फरमाते है......*_
💫 *_गुस्ल मे औरत को मुस्तहब है के फरजे दाखील (गुप्तांग) के अंदर उंगली डालकर धो ले, हॉ वाजीब नही बगैर उसके भी गुस्ल उतर जाएंगा!_*
👉🏻 *_इस हदीस से मालुम हुआ कि हैज़ का खून आना बंद हो जाए तो, जब औरत ग़ुस्ल करने बैठे तो पहले रूई (Cotton,) को इत्र वगै़रा की ख़ूशबू में बसा ले फिर उससे खून के मक़ाम पर अच्छी तरह फेरे ताकि वहॉ की गंदगी अच्छी तरह से साफ़ हो जाए, फिर उस के बाद ग़ुस्ल कर ले! (गुस्ल का तरीका आगे आऐंगा)_*
_*बाकी अगले पोस्ट में....*_
_*📮 जारी रहेगा इंशा'अल्लाह....*_
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