_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 100)*_
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*आखिरत और हश्र का बयान*
*☝️क्यों कि अब सूरज की दूरी चार हज़ार साल सफ़र की दूरी है और हमारी दुनिया की तरफ सूरज की पीठ है तो फिर भी जब सूरज सामने आ जाता है तो घर से निकलना दूभर हो जाता है लेकिन जब सूरज एक मील की दूरी पर होगा और सूरज का मुँह हमारी तरफ़ होगा तो आग और गर्मी का क्या हाल होगा और अब तो मिट्टी की ज़मीन है तो पैरों में छाले पड़ते हैं तो उस वक्त जब ताँबे की ज़मीन होगी और सूरज करीब होगा तो उस गर्मी का कौन अन्दाज़ा कर सकता है अल्लाह पनाह में रखे*
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 35*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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